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हम मुलाकात #क्यूँ छूटती हैं वो बाहें जिनमें हम झूलना चाहते हैं ... न नगर पता न डगर पता जिसपे चलना चाहते हैं मुझे रहना चाहते दिन सही प्रेम विपरीत युद्ध नही चाहते

Hindi चाहते हैं। Poems